dr rajendra prasad essay in hindi - राजेंद्र प्रसाद जीवनी 2023, Books

Dr rajendra prasad essay

इस ब्लॉग पोस्ट में हम लोग dr rajendra prasad essay in hindi के माध्यम से राजेंद्र प्रसाद का पूरा जीवन परिचय पड़ेंगे babu rajendra prasad भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे इस लिए इनका जीवन परिचय जानना बहुत ही जरुरी हो जाता है। इनसे सम्बंधित कई प्रश्न UP BOARD EXAM में आता है तथा कभी-कभी इनका पूरा जीवन परिचय ही लिखने के लिए आ जाता है।
dr rajendra prasad essay in hindi
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जीवन परिचय :- rajendra prasad in hindi

देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद rajendra  prasad का जन्म सन् 1884 ई० में बिहार राज्य के छपरा जिले मे जीरादेई नामक ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम महादेव सहाय था। इनका परिवार गाँव के सम्पन्न और प्रतिष्ठित कृषक परिवारों में से था।

 इन्होंने कलकत्ता (कोलकाता) विश्वविद्यालय से एम०ए० और एल० एल० बी० की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। ये प्रतिभासम्पन्न और मेघावी छात्र थे और परीक्षा में सदैव प्रथम आते थे। कुछ समय तक मुजफ्फरपुर कॉलेज में अध्यापन कार्य करने के पश्चात् ये पटना और कलकत्ता हाईकोर्ट में वकील भी रहे।

 dr rajendra prasad  का झुकाव प्रारम्भ से ही राष्ट्रसेवा की ओर था। सन् 1917 ई० में गांधी जी के आदर्शों और सिद्धान्तों से प्रभावित होकर इन्होंने चम्पारन के आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया और वकालत छोड़कर पूर्णरूप से राष्ट्रीय स्वतन्त्रता-संग्राम में कूद पड़ें। अनेक बार इन्होने जेल की यातनाएँ भी भोगीं।

 इन्होंने विदेश जाकर भारत के पक्ष को विश्व के सम्मुख रखा। ये तीन बार अखिल भारतीय कांग्रेस के सभापति तथा भारत के संविधान का निर्माण करने वाली सभा के सभापति चुने गये। 

राजनीतिक जीवन के अतिरिक्त बंगाल और बिहार में बाढ़ और भूकम्प के समय की गयी इनकी सामाजिक सेवाओं को भुलाया नहीं जा सकता। 'सादा जीवन उच्च विचार' इनके जीवन का पूर्ण आदर्श था।

इनकी प्रतिभा, कर्त्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और निष्पक्षता से प्रभावित होकर इनको भारत गणराज्य का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया। इस पद को ये सन् 1952 से सन् 1962 ई० तक सुशोभित करते रहे। 

भारत सरकार ने इनकी महानताओं के सम्मान स्वरूप देश की सर्वोच्च उपाधि 'भारतरत्न' से सन् 1962 ई० में इनको अलंकृत किया जीवन भर राष्ट्र की निःस्वार्थ सेवा करते गये। हुए ये 28 फरवरी, 1963 ई० को दिवंगत हो गए। राजेंद्र प्रसाद जीवनी 


रचनाएँ-  rajendra prasad books

राजेन्द्र बाबू की प्रमुख रचनाओं का विवरण निम्नवत् है (1) चम्पारन में महात्मा गांधी, (2) बापू के कदमों में, (3) मेरी आत्मकथा, (4) मेरे यूरोप के अनुभव, (5) शिक्षा और संस्कृति, (6) भारतीय शिक्षा, (7) गांधी जी की देन, (8) साहित्य, (9) संस्कृति का अध्ययन, (10) खादी का अर्थशास्त्र आदि इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।


साहित्य में स्थान

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद सुलझे हुए राजनेता होने के साथ-साथ उच्चकोटि के विचारक, साहित्य-साधक और कुशल वक्ता थे। ये 'सादी भाषा और गहन विचारक' के रूप में सदैव स्मरण किये जाएँगे। हिन्दी की आत्मकथा विधा में इनकी पुस्तक 'मेरी आत्मकथा' का उल्लेखनीय स्थान है। 

ये हिन्दी के अनन्य सेवक और प्रबल प्रचारक थे। राजनेता के रूप में अति सम्मानित स्थान पर विराजमान होने के साथ-साथ हिन्दी साहित्य में भी इनका अति विशिष्ट स्थान है।

Q&A

Q 1. doctor rajendra prasad ka janm kab hua tha ?

Ans. राजेन्द्र प्रसाद rajendra  prasad का जन्म सन् 1884 ई० में बिहार राज्य के छपरा जिले मे जीरादेई नामक ग्राम में हुआ था।

Q 2. rajendra prasad ka janm kahan hua tha ?

Ans. सन् 1884 ई० में बिहार राज्य के छपरा जिले मे जीरादेई नामक ग्राम में हुआ था।

 Q 3. rajendra prasad: autobiography?

Ans. मेरी आत्मकथा

 Q 4. about rajendra prasad ? 

Ans. dr rajendra prasad के बारे में ऊपर सबकुछ बहुत ही बिस्तार से बताया गया है। 

Q 5. rajendra prasad family 

माता पिता इनकी पत्नी और एक लड़का जिसका mrityunjay prasad था 

Q 6. atmakatha rajendra prasad 

बापू के कदमों में,  इण्डिया डिवाइडेड (1946 ई). 

 Dr.Rajendra Prasad Biography in Short 

नाम Dr. राजेंद्र प्रसाद
जन्म का समय 1884 ईo में
जन्म का स्थान छपरा जिला के जिरादेई नामक ग्राम
में , बिहार, भारत
पिता का नाम महादेव सहाय
शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय से MA और LLB
टीचर मुज्जफरपुर कॉलेज में
रचनाएं बापू के कदमों में , मेरी आत्मकथा, साहित्य
पुत्र का नाम मृत्युंजय प्रसाद
राष्ट्रपति समयकाल 1952 से 1962 तक
मृत्यु 28 फरवरी 1963 ईo

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